Career Pathway

विस्तृत समसामयिकी 8अगस्त, 2025 l Career Pathway

1. प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को सशक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
5 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले से हुए पर्यावरणीय नुकसान के लिए मुआवज़ा वसूल सकते हैं या संभावित भविष्य के नुकसान को रोकने के लिए बैंक गारंटी की मांग कर सकते हैं। जस्टिसों की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 33A और वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31A के तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शक्तियों को सीमित किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि क्षतिपूर्ति केवल न्यायालय ही अपराध संज्ञान में लेने के बाद वसूल सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पोल्यूटर पेय प्रिंसिपल के तहत बोर्ड पुनर्स्थापनात्मक या क्षतिपूर्ति राशि लगा सकते हैं या बैंक गारंटी की मांग कर सकते हैं, जब पर्यावरणीय क्षति हो चुकी हो या निकट भविष्य में होने की आशंका हो। हालांकि, यह शक्ति हर उल्लंघन में नहीं, बल्कि केवल वास्तविक या आसन्न पर्यावरणीय नुकसान की स्थिति में ही प्रयोग की जा सकती है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि यह शक्ति अधीनस्थ कानून के तहत, प्राकृतिक न्याय, पारदर्शिता और निश्चितता के साथ प्रयोग हो, और इसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों तथा अनुच्छेद 51A के तहत पर्यावरण की रक्षा और सुधार के राज्य कर्तव्य से जोड़ा।

2. रूस का आईएनएफ संधि से हटना
5 अगस्त 2025 को रूस ने औपचारिक रूप से घोषणा की कि अब वह इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (INF) संधि के बंधनों में नहीं रहेगा। यह 1987 की एक ऐतिहासिक हथियार नियंत्रण संधि थी, जिसमें 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज वाली ज़मीन से दागी जाने वाली मिसाइलों पर प्रतिबंध था। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि संधि की शर्तें अब अस्तित्व में नहीं हैं और मॉस्को मिसाइल तैनाती पर इसकी पाबंदियों का पालन नहीं करेगा। रूस ने पश्चिम पर अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधा खतरा पैदा करने का आरोप लगाया, जिसमें अमेरिका द्वारा फिलीपींस में टाइफन मिसाइल सिस्टम की तैनाती और ऑस्ट्रेलिया में टैलिस्मन सेबर अभ्यास के दौरान मिसाइल ड्रिल्स का हवाला दिया। रूस का कहना है कि ये कदम वैश्विक स्थिरता को कमजोर करते हैं और सुरक्षा दबाव बढ़ाते हैं। आईएनएफ संधि पहले ही 2019 में कमजोर हो गई थी, जब अमेरिका ने रूस पर उल्लंघन का आरोप लगाकर इससे हटने की घोषणा की थी, जिसे रूस ने नकारते हुए कहा कि अमेरिका स्वयं प्रतिबंधित मिसाइल प्रणालियाँ विकसित कर रहा है।

3. चीन का लान्युए चंद्र लैंडर परीक्षण
6 अगस्त 2025 को चीन ने अपने लान्युए चंद्र लैंडर का पहला परीक्षण किया, जो 2030 से पहले अपने पहले अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम (CMS) के अनुसार, हेबेई प्रांत में एक स्थल पर यह परीक्षण किया गया, जिसे चंद्र सतह जैसी परत और भू-आकृति (जैसे पत्थर और गड्ढे) के साथ तैयार किया गया था। इस परीक्षण में लैंडर के आरोहण और अवरोहण तंत्र की व्यापक जाँच की गई। CMS ने इसे कई परिचालन परिस्थितियों, लंबी परीक्षण अवधि और उच्च तकनीकी जटिलता वाला परीक्षण बताया। लान्युए (“मून को गले लगाना” — मंदारिन में) अंतरिक्ष यान चंद्र कक्षा और सतह के बीच अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा और उतरने के बाद रहने की जगह, ऊर्जा स्रोत तथा डेटा केंद्र के रूप में कार्य करेगा। यह परीक्षण ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका अपने आर्टेमिस कार्यक्रम को तेज कर रहा है, जिसके तहत अप्रैल 2026 में चंद्रमा के चारों ओर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने और 2027 में चंद्रमा पर उतरने की योजना है।

4. वनस्पति तेल उत्पाद विनियमन आदेश में संशोधन
7 अगस्त 2025 को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन एवं उपलब्धता (विनियमन) आदेश, 2011 में संशोधन अधिसूचित किया। इसमें सांख्यिकी संग्रह अधिनियम, 2008 के प्रावधान शामिल किए गए हैं, ताकि खाद्य तेल क्षेत्र में आंकड़ा संग्रह प्रणाली को मजबूत किया जा सके और निगरानी व निर्णय-निर्माण में सुधार हो। इस कदम से उपभोक्ताओं और तेल मूल्य श्रृंखला के सभी हितधारकों को लाभ होगा, पारदर्शिता बढ़ेगी, बाजार खुफिया तंत्र सशक्त होगा और साक्ष्य-आधारित नीतिगत निर्णय लिए जा सकेंगे। सरकार को घरेलू उत्पादन, आयात और भंडार की स्थिति की निकटता से निगरानी करने में मदद मिलेगी, जिससे समय पर नीतिगत हस्तक्षेप और बाजार में वनस्पति तेल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

5. मणिपुर जीएसटी संशोधन और विनियोग विधेयक पारित
7 अगस्त 2025 को लोकसभा ने मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 और मणिपुर विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2025 पारित किए, ताकि राष्ट्रपति शासन के तहत राज्य की वित्तीय और प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। जीएसटी संशोधन विधेयक एक अध्यादेश को प्रतिस्थापित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि मणिपुर जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित वस्तुओं पर कर वसूली जारी रख सके। विनियोग विधेयक से वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए राज्य की संचित निधि से भुगतान और निकासी की अनुमति मिलती है। केंद्र सरकार ₹2,898 करोड़ की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराएगी, जिसमें ₹1,667 करोड़ पूंजीगत व्यय के लिए होंगे। इसके अलावा ₹523 करोड़ शिविर निवासियों के पुनर्वास और ₹542 करोड़ मणिपुर में सुरक्षा सुदृढ़ीकरण के लिए आवंटित किए जाएंगे। दोनों विधेयक विपक्ष के विरोध के बीच बिना चर्चा के पारित हुए।

6. हेपेटाइटिस-डी वायरस को मनुष्यों में कैंसरकारी के रूप में WHO की श्रेणीकरण
अगस्त 2025 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) ने हेपेटाइटिस-डी वायरस (HDV) को ग्रुप-1 कार्सिनोजेन के रूप में पुनः वर्गीकृत किया, जिससे यह हेपेटाइटिस-बी और सी के साथ यकृत कैंसर का ज्ञात कारण बन गया। विश्व स्तर पर हेपेटाइटिस-बी, सी और डी से 30 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं और हर साल लगभग 13 लाख मौतें होती हैं, जिनमें अधिकतर यकृत सिरोसिस और कैंसर के कारण हैं। एचडीवी, क्रॉनिक एचबीवी से पीड़ित लगभग 5% लोगों (लगभग 1.2 करोड़) को संक्रमित करता है। उच्च जोखिम वाले समूहों में एचबीवी-प्रचलित क्षेत्रों (एशिया, अफ्रीका और अमेज़न बेसिन) की आबादी, इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाओं का सेवन करने वाले लोग और हीमोडायलिसिस मरीज शामिल हैं। एचडीवी केवल उन्हीं को संक्रमित कर सकता है जो पहले से एचबीवी से संक्रमित हों, और उसकी प्रतिकृति के लिए उसका उपयोग करता है। यह संक्रमित रक्त, असुरक्षित यौन संबंध, असुरक्षित इंजेक्शन और कभी-कभी जन्म के समय मां से बच्चे में फैल सकता है। लक्षणों में थकान, मतली, पेट में असहजता, गहरा मूत्र या पीलिया शामिल हो सकते हैं, जो अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाते हैं। एचबीवी का आजीवन एंटीवायरल दवाओं से प्रबंधन संभव है, लेकिन एचडीवी के उपचार सीमित हैं।

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