भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का धर्मग्रंथ है और इसी से संचालित होता है भारत का लोकतंत्र । संविधान में जहां देश के नीति नियंताओं को देश के संचालन के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं वहीं देश की जनता की बुनियादी स्वतंत्रताओं और लोकतंत्र को बहाल रखने के लिए भी खास प्रावधान किए गए हैं। संविधान में भारतीय नागरिकों की बुनियादी स्वतंत्राओं और समानता का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए भारतीय संविधान के निर्माताओं ने मौलिक अधिकार की रचना की। इसके तहत हर भारतीय को उसके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की बात की गई है। मौलिक अधिकारों की चर्चा अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 के तहत की गई है। इसमें अनुच्छेद 15 काफी महत्वपूर्ण है जिसमें समानता के अधिकार की बात कही गई है। आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे अनुच्छेद 15 की, जानेंगे हर लिहाज़ से इस अनुच्छेद का मकसद और महत्व साथ ही साथ समझेंगे हमारे मौलिक अधिकारों को..