[1]. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के लिए ‘अनुदान सहायता’ योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी
31 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मंजूरी दी, जिसका शीर्षक है “राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को अनुदान सहायता”। इस योजना की कुल लागत 2,000 करोड़ रुपये है, जो चार वर्षों (2025–26 से 2028–29) के लिए होगी।
मुख्य बिंदु:
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योजना का उद्देश्य: सहकारी समितियों को सस्ती ऋण सुविधा, बुनियादी ढांचा विकास और कार्यशील पूंजी सहायता के माध्यम से सशक्त बनाना।
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वित्तीय योजना: यह अनुदान NCDC को खुले बाजार से 20,000 करोड़ रुपये जुटाने में सक्षम बनाएगा।
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कार्यान्वयन अवधि: 2025–26 से 2028–29 तक, प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ रुपये का आवंटन।
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लाभार्थी: लगभग 2.9 करोड़ सदस्य, जो 13,288 सहकारी समितियों से जुड़े हैं, जैसे डेयरी, मत्स्य पालन, चीनी, खाद्य प्रसंस्करण, महिला-नेतृत्व वाली सहकारी समितियाँ आदि।
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नोडल एजेंसी: ऋण वितरण, परियोजना निगरानी और धन वसूली का कार्य NCDC द्वारा किया जाएगा। ऋण सीधे या राज्य सरकारों के माध्यम से दिए जा सकते हैं।
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ऋण की संरचना:
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बुनियादी ढांचे और तकनीकी उन्नयन के लिए दीर्घकालिक ऋण
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कार्यशील पूंजी और व्यावसायिक निरंतरता के लिए अल्पकालिक ऋण
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[2]. रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी
31 जुलाई 2025 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने चार प्रमुख रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल लागत 11,169 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य माल और यात्री क्षमता को बढ़ाना है, और इन्हें 2028–29 तक पूरा किया जाना है।
मुख्य बिंदु:
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परियोजना का दायरा: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों में कुल 574 किमी नए ट्रैक बिछाए जाएंगे।
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स्वीकृत गलियारे:
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इटारसी और नागपुर के बीच चौथी लाइन
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औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)–परभणी खंड का दोहरीकरण
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अलीउबाड़ी रोड–न्यू जलपाईगुड़ी मार्ग पर तीसरी और चौथी लाइन
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डांगोपोसी–जारोली मार्ग पर तीसरी और चौथी लाइन
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रणनीतिक ढांचा: ये परियोजनाएं पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बहु-मोडल संपर्क और समेकित अवसंरचना नियोजन से जुड़ी हैं।
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आर्थिक प्रभाव: इनसे प्रति वर्ष अतिरिक्त 95.91 मिलियन टन माल की ढुलाई की संभावना।
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रोजगार सृजन: निर्माण चरण के दौरान अनुमानित 2.29 करोड़ मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार।
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लाभार्थी क्षेत्र: लगभग 2,309 गांवों और 43.6 लाख लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी से लाभ होगा।
[3]. प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के लिए 6,520 करोड़ रुपये की स्वीकृति
31 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY) के लिए कुल 6,520 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान को मंजूरी दी, जो 15वें वित्त आयोग चक्र (2021–22 से 2025–26) के दौरान लागू होगा। इसमें 1,920 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि नए और मौजूदा परियोजनाओं के लिए आवंटित की गई है।
मुख्य बिंदु:
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योजना का उद्देश्य: अवसंरचना का आधुनिकीकरण, कटाई के बाद नुकसान को कम करना, और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना। यह योजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
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वित्तपोषित प्रमुख घटक:
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50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों (ICCVAI के तहत) और 100 NABL-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं (FSQAI के तहत) के लिए 1,000 करोड़ रुपये।
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अन्य घटकों के लिए 920 करोड़ रुपये, जो EOI (Expression of Interest) प्रक्रिया के माध्यम से दिए जाएंगे।
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विकिरण इकाइयों का प्रभाव: अनुमानित संरक्षण क्षमता 20–30 लाख मीट्रिक टन/वर्ष।
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खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएँ: गुणवत्ता आश्वासन और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेंगी।
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मांग-आधारित दृष्टिकोण: परियोजनाओं का चयन पात्रता मानदंडों और पारदर्शी EOI प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।