[1] राज्यसभा ने ‘समुद्र के माध्यम से वस्तुओं का वहन विधेयक, 2025’ पारित किया
6 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने विपक्ष के बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विरोध के बीच ‘समुद्र के माध्यम से वस्तुओं का वहन विधेयक, 2025’ पारित कर दिया। यह विधेयक पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका था।
मुख्य बिंदु:
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प्रतिस्थापन: यह विधेयक पुराने ‘भारतीय समुद्र द्वारा वस्तुओं का वहन अधिनियम, 1925’ का स्थान लेता है।
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अंतरराष्ट्रीय संरेखण: यह यूके जैसे देशों द्वारा अपनाए गए हेग-विस्बी नियमों (Hague-Visby Rules) को अपनाता है।
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उद्देश्य: समुद्री व्यापार कानूनों को सरल बनाना, मुकदमेबाज़ी के जोखिम को कम करना, पारदर्शिता और व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाना।
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समानांतर कानून: लोकसभा ने ‘मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024’ भी पारित किया है जो ‘मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958’ की जगह लेता है।
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दृष्टिकोण: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह मोदी सरकार की वैश्विक मानकों से मेल खाने वाले समुद्री ढांचे के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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लक्ष्य: भारत को वैश्विक समुद्री नेतृत्व में लाना, नाविकों की भलाई सुनिश्चित करना, और सतत विकास व नवाचार को बढ़ावा देना।
[2] लोकसभा ने ‘मर्चेंट शिपिंग (संशोधन) विधेयक, 2024’ पारित किया
6 अगस्त 2025 को लोकसभा ने ध्वनि मत से ‘मर्चेंट शिपिंग (संशोधन) विधेयक, 2024’ पारित किया।
मुख्य बिंदु:
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आधुनिकीकरण: भारत के समुद्री नियमों को MARPOL और Wreck Removal Convention जैसे वैश्विक समझौतों के अनुरूप बनाना।
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परिभाषा विस्तार: इसमें मोबाइल ऑफशोर ड्रिलिंग यूनिट्स, सबमर्सिबल्स और नॉन-डिसप्लेसमेंट क्राफ्ट शामिल हैं।
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जहाज पुनर्चक्रण: पुनर्चक्रण के लिए भेजे जा रहे जहाजों के लिए अस्थायी पंजीकरण का प्रावधान; अलंग जैसे केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा।
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नियामक सशक्तिकरण: समुद्री शिक्षा व प्रशिक्षण को विनियमित करने के लिए समुद्री प्रशासन के महानिदेशक को अधिकार दिए गए हैं।
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महत्व: यह भारत की समुद्री क्षमताओं, स्थिरता, सुरक्षा और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।
[3] भारत और रूस ने औद्योगिक सहयोग को मजबूत किया
6 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में भारत-रूस आधुनिकीकरण और औद्योगिक सहयोग कार्य समूह के 11वें सत्र के दौरान दोनों देशों ने औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य बिंदु:
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उच्च स्तरीय भागीदारी: बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के DPIIT सचिव और रूस के उद्योग और व्यापार उप मंत्री ने की।
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ढांचा: यह भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग का हिस्सा है।
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क्षेत्रीय सहयोग: इसमें एल्युमिनियम, उर्वरक, रेलवे, खनन, एयरोस्पेस तकनीक, कार्बन फाइबर, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और 3D प्रिंटिंग शामिल हैं।
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नए प्रोजेक्ट: छोटे विमान इंजन, विंड टनल सुविधा, दुर्लभ पृथ्वी तत्व निष्कर्षण, भूमिगत कोयला गैसीकरण पर ध्यान केंद्रित।
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परिणाम: रणनीतिक क्षेत्रों में तकनीकी हस्तांतरण और औद्योगिक सहयोग को पुष्ट करने वाला औपचारिक प्रोटोकॉल हस्ताक्षरित हुआ।
[4] अमेरिका ने भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए
6 अगस्त 2025 को अमेरिकी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध और सभी भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की, जिससे व्यापार तनाव और गहरे हो गए हैं।
मुख्य बिंदु:
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टैरिफ प्रभाव: कार्यकारी आदेश के तहत 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया, जिससे कुल शुल्क 50% हो गया; यह 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
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भारत का रुख: भारत ने इस कदम को “अनुचित और अन्यायपूर्ण” बताया और अमेरिका व यूरोपीय संघ पर रूस के साथ व्यापार करने को लेकर भारत को चुनिंदा रूप से दंडित करने का आरोप लगाया।
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रणनीतिक संदर्भ: यह प्रतिबंध भारत द्वारा रूसी तेल और रक्षा उपकरणों की खरीद से संबंधित है।
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तुलना: चीन को 90 दिनों की टैरिफ छूट दी गई, जबकि उसके रूसी आयात भारत से अधिक हैं।
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आर्थिक प्रभाव: भारतीय निर्यातकों को अब बांग्लादेश, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों की तुलना में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, जहां केवल 19–20% टैरिफ लगता है।
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भूराजनीतिक परिणाम: यह भारत-अमेरिका के बीच व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक नीतियों को लेकर तनाव को और बढ़ाता है।
[5] ICMR ने छात्रों के लिए SHINE पहल शुरू की
अगस्त 2025 में, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने स्कूल छात्रों में वैज्ञानिक समझ को बढ़ावा देने के लिए ICMR-SHINE पहल (Science & Health Innovation for the Nextgen Explorers) शुरू की।
मुख्य बिंदु:
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लक्षित समूह: भारत के कक्षा 9 से 12 तक के छात्र।
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सक्रिय भागीदारी: देशभर के सभी ICMR संस्थान छात्रों के साथ संवादात्मक गतिविधियाँ आयोजित करेंगे।
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उद्देश्य: छात्रों को विज्ञान, स्वास्थ्य और जैव-चिकित्सा अनुसंधान में करियर अपनाने के लिए प्रेरित करना और व्यावहारिक अनुभव देना।
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स्मृति श्रद्धांजलि: इस पहल की शुरुआत प्रसिद्ध भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिक प्रो. वी. रामलिंगास्वामी की जयंती पर की गई।
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राष्ट्रीय दृष्टिकोण: यह भारत की वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार में नेतृत्व भूमिका के लिए वैज्ञानिक प्रतिभा को विकसित करने की ICMR की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।